About Shodashi

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The murti, which happens to be also found by devotees as ‘Maa Kali’ presides about the temple, and stands in its sanctum sanctorum.  In this article, she's worshipped in her incarnation as ‘Shoroshi’, a derivation of Shodashi.

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari ashtottarshatnam

Her type is claimed to get quite possibly the most gorgeous in every one of the a few worlds, a attractiveness that's not basically physical and also embodies the spiritual radiance of supreme consciousness. She is commonly depicted as being a resplendent sixteen-yr-previous Female, symbolizing Everlasting youth and vigor.

The Saptamatrika worship is especially emphasised for all those trying to get powers of Management and rule, and also for the people aspiring to spiritual liberation.

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के more info परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

Worshipping Goddess Shodashi is not only about seeking product Positive aspects but in addition with regard to the internal transformation and realization in the self.

हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।

कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥

, variety, wherein she sits atop Shivas lap joined in union. Her characteristics are endless, expressed by her 5 Shivas.  The throne on which she sits has as its legs the 5 varieties of Shiva, the famous Pancha Brahmas

ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಐಂ ಸೌ: ಓಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ ಕ ಎ ಐ ಲ ಹ್ರೀಂ ಹ ಸ ಕ ಹ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸ ಕ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸೌ: ಐಂ ಕ್ಲೀಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ 

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